NACH का मतलब क्या होता है और इसके क्या फायदे है | nach kya hota hai

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आज के पोस्ट मे हम बात करने वाले है की एलआईसी मे Nach Kya Hota Hai और e nach kya hota hai, अगर आप एक एलआईसी एजेंट है तो आप जब भी किस का बीमा करते है और वो बीमा मनथली है तो आप उस व्यक्ति से 2 महीने की किस्त अड्वान्स मे ले लेते है और उस व्यक्ति से Nach Form या ECS Form साइन करवाते है (Nach फॉर्म को पहले ECS Form भी कहा जाता था)

ताकि अगले महीने आपको दोबारा उसके पास न जाना पड़े किस्त लेने के लिए क्युकी बार बार पैसे के लिए जाना आपको भी अच्छा महसूस नहीं होगा। इसलिए मैंने सोच की nach form kya hota hai इसके ऊपर एक पूरी पोस्ट ही डाल दे ताकि आप लोग इसके बारे मे डीटेल मे जान सके।

आजकल लोगों को और संस्थानो को कई तरह के भुगतान करने की जरूरत पड़ती है। जैसे – बिलों का भुगतान या वेतन का भुगतान इत्यादि। ऐसे भुगतान महीने के आखिरी दिनों या महीने के शुरुआती दिनों में होते हैं। अक्सर लोग इस तरह के भुगतान करना भूल जाते हैं या एक साथ इतने सारे भुगतान अपने बैंक अकाउंट से नहीं कर पाते।

इसलिए RBI द्वारा NACH सिस्टम शुरू किया गया है। जिसके द्वारा यह सारे भुगतान एक साथ संभव हो सकते हैं। परंतु कई लोगों को यह नहीं पता है कि Nach Kya Hai?

इसलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम NACH के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही हम आपको यह बताएंगे कि nach क्या होता है और Nach काम कैसे करता है?

NACH की फुल फॉर्म क्या है? | Nach Full Form

NACH का फुल फॉर्म National Automated Clearing House है, जिसका हिंदी मतलब राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह होता है। इसका गठन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के द्वारा किया गया है।

NACH क्या होता है? | Nach Kya Hota Hai

Nach का मतलब क्या है आईए जानते है NACH एक प्रणाली है, जिसके तहत किसी भी तरह का भुगतान बिना बैंक जाए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए NACH मैंडेट शब्द का उपयोग किया जाता है।

NACH मैंडेट का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति अपना बिल जैसे – इलेक्ट्रिसिटी बिल, टेलीफोन बिल, पानी का बिल, इत्यादि और साथ ही कुछ किश्ते जैसे- म्यूच्यूअल फंड की किस्ते, लोन की किश्ते, क्रेडिट कार्ड की किस्तों का भुगतान कर सकता है।

NACH को NPCI चलाता है जिसके द्वारा बल्क पेमेंट संभव हो सकता है। NACH के पहले ECS यानी (Electronic Clearing System) इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सिस्टम चलता था जिसके अंतर्गत भी यही कार्य होता था परंतु ECS में कई तरह की कमियां थी जिसके कारण उसे हटाकर बाद में NACH मैंडेट सिस्टम को लाया गया।

उमीद करते है की अब आपको समझ मे आ गया होगा की nach matlab kya hota hai और nach ka matlab kya hai चलिए अब जानते है की Nach काम कैसे करता है।

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NACH की शुरुआत कब हुई?

Nach और ECS की शुरुआत 2007 मे हुई थी और इसकी स्थापना NCPI के द्वारा हुई थी। कही न कही अप भी कन्फ्यूज़ होंगे की Nach और ECS मे अंतर क्या है लेकिन आपको बता दु की आपको बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है क्युकी ये दोनों एक ही है। Nach का फुल फॉर्म National Automated Clearing House और ECS का फुल फॉर्म Electronic Clearance Service होता है।

ECS को पूरी तरीके से आधुनिक रूप से अपडेट करके NACH मे परिवर्तित कर दिया गया और 1 मई 2016 को इसको पूरी तरीके से लॉन्च कर दिया गया और ये सभी बैंक और इन्श्योरेन्स कंपनी मे लागू कर दिया गया और तब से लेकर आज तक ये इस्तेमाल किया जा रहा है।

NACH मैंडेट के प्रकार ?

NACH Mandate दो प्रकार के होते है जैसे की:

  1. Nach Credit
  2. Nach Debit

NACH Credit

इसका का उपयोग वह लोग करते हैं जिन्हें दूसरे बैंक अकाउंट से अपने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाना होता है। जैसे – वेतन, लाभांश, ब्याज इत्यादि।

NACH Debit

इसका उपयोग वे ग्राहक, इन्श्योरेन्स कॉमनी, बैंक को अपना बकाया राशि कस्टमर से भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- बिजली या पानी बिल का भुगतान, SIP का भुगतान, क्रेडिट कार्ड या लोन के किश्तों का भुगतान इत्यादि।

अगर आप भी अपने एलआईसी पॉलिसी मे e-NACH Mandate ऐक्टवैट करवाना चाहते है तो आप इसे खुद से अनलाइन कर सकते है बस आपको एलआईसी का छोटा स फॉर्म भरने की जरूरत है।

NACH Credit Payment के features

  1. Nach का इस्तेमाल करके रोज 10 मिलियन तक का ट्रैन्सैक्शन किया जाता है।
  2. Nach के लिमिट को अभी और भी बढ़ाया जा सकता है।
  3. Nach मे Credit ISO20022 संदेश सेवा मानक प्रणाली का उपयोग करता है।
  4. इसके सारे पेमेंट और ट्रैन्सैक्शन की ACK & NACK के साथ साथ ट्रैन्सैक्शन की ट्रैकिंग भी रखती है।
  5. Nach एक साथ बहुत सारे फाइल को एक साथ प्रोसेस करने की अनुमति देता है।
  6. साथ ही साथ Nach कॉर्पोरेट कस्टमर को sponser बैंक के साथ कॉर्पोरेट एक्सेस की भी सुविधा देता है ताकि कस्टमर अपने फाइल को सीधा अपलोड कर सके।

NACH और ECS में क्या अंतर है ?

अब बात करेंगे की Nach और ECS मे क्या अंटेर है इसके बारे मे जानेगे।

NACH: Nach एक वेबसाईट पर होने वाली प्रक्रिया है जिसकी जरूरत सभी इन्श्योरेन्स और बैंक को है इसको दो बैंक के बीच मे इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमे बहुत बड़ी मात्रा मे ट्रैन्सैक्शन होते है वो भी बिल्कुल समय पर और अभी के समय मे ये सबसे बेहतर ऑप्शन है।

ECS: यह एक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट ट्रैन्स्फर मेथड है जो की एक बैंक से दूसरे बैंक के बीच काम करता है। यह Organisation, Institute और NGO द्वारा इस्तेमाल किया जाता है कति वो पेंशन सैलरी जैसे पेमेंट को समय पर भुगतान कर सके।

ECS को बिल जमा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे की बिजली बिल, गैस बिल, पानी बिल, टेलीफोन बिल और लोन की Montly EMI को समय पर जमा करने ले लिएउपयोग किया जाता है। ECS को क्रेडिट और डेबिट दोनों कामों के लिए इस्तेमाल होता है।

  • Nach का रेजिस्ट्रैशन पूरा होने मे 15 दिन लगते है जबकि ECS का रेजिस्ट्रैशन पूरा होने मे 30 दिन तक लग जाते है।
  • Nach मे विवाद-प्रबंधन प्रणाली है जो की किसी भी प्रकार के पेमेंट मे आने वाली समस्या को हल कर देती है जबकि ECS मे ऐसा सुविधा नहीं है।
  • Nach के द्वारा किए जाने वाले पेमेंट उसी दिन settle हो जाता है जबकि ECS मे 3 से 4 दिन लग जाते है।
  • NACH मे पेपर वर्क बहुत कम जिसकी वजह से रीजेक्शन की संभावना कम होती है लेकिन ECS मे संभावना ज्यादे है।
  • NACH मे आपको एक Reference नंबर मिलता है जो की आपको भविष्य मे काम आ सकती है अगर आपको किसी पेमेंट मे कोई दिक्कत आती है, मगर आपको ECS मे ऐसा कुछ नंबर नहीं मिलता है।
  • ECS एक मैनुअल प्रोसेस के द्वारा पास होता है इसलिए इसमे ज्यादे समय लगता है जबकि Nach अनलाइन प्रक्रिया के द्वारा होता है इसलिए इसका प्रोसेस बहुत जल्दी पूरा हो जाता है।
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NACH Mandate कैसे काम करता है?

NACH कैसे काम करता है अब हम इसके बारे मे जानेंगे, मान लीजिए आप अपना एलआईसी से इन्श्योरेन्स करवाते है और आपकी जो भी प्रीमियम आती है आप उसको बार बार एलआईसी ऑफिस मे जाकर जमा नहीं करना चाहते है।

अब अगर आप अपने एलआईसी पॉलिसी मे nach का फॉर्म भर कर जमा कर देता है तो अब क्या होगा की जिस तारीख को आपकी एलआईसी की प्रीमियम जमा होनी चाहिए उस दिन आपके अकाउंट से उतना राशि ऑटो डेबिट हो जाइगा और आपकी प्रीमियम ऑटोमैटिक एलआईसी मे जमा हो जाएगी।

इसके लिए ही एलआईसी ने NACH को लॉन्च किया ताकि आप इसको घर बैठे समय पर ही जमा कर सके और अगर आप चाहे तो ECS Cancellation भी करवा सकते है।

NACH का उपयोग क्या है?

NACH का उपयोग भी एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में एक साथ कई तरह के पेमेंट करने के लिए किए जाता है। जैसे अक्सर संस्थाओं को कई लोगों को एक साथ कई अकाउंट में सैलरी आ लाभांश या शेयरों को भेजना होता है जिसके लिए वे NACH का उपयोग करते हैं।

इसके अलावा कई ग्राहक भी अपने दैनिक जीवन में कई तरह के पेमेंट कलेक्ट करते हैं और हर महीने कई तरह के किश्तों और बिलों का भुगतान करते हैं जिसके लिए NACH का उपयोग किया जाता है।

NACH के उपयोग से लोगों का हर तरीके का पेमेंट Automatically ही उनके बैंक अकाउंट से कट जाता है और उनके सभी तरह सभी तरह के भुगतान हो जाते हैं।

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NACH मैंडेट किसे कहते हैं?

जब कोई व्यक्ति NACH सिस्टम के अंतर्गत अपने बैंक अकाउंट से पैसे डेबिट करने या पैसे क्रेडिट करने की अनुमति ले लेता है तो वह NACH मैंडेट कहलाता है। जो भी व्यक्ति NACH सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें NACH मैंडेट करवाना पड़ता है।

NACH सिस्टम के फायदे क्या है?

NACH सिस्टम के कई फायदे हैं और यह सिस्टम Corporate और Financial Institution के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है।

  1. NACH सिस्टम का उपयोग करके कोई भी कंपनी या संस्था अपने कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान एक साथ एक ही दिन में आसानी से कर सकती है।
  1. NACH सिस्टम में भुगतान की प्रक्रिया ECS सिस्टम के मुकाबले काफी तेज होती है।
  1. NACH सिस्टम के अंतर्गत ग्राहकों को एक Unique Reference Number भी दिया जाता है जिसकी मदद से NACH Mandate में कोई दिक्कत आने पर कोई भी ग्राहक अपनी समस्या का निवारण तुरंत ही पा सकता है।
  1. NACH Mandate करवाते समय ग्राहकों को Paperwork काफी कम करना होता है जिससे कि अक्सर ग्राहकों का NACH Reject नहीं किया जाता।
  1. यदि NACH सिस्टम में किसी तरह का विवाद उत्पन्न होता है तो इसका निपटारा Distribute Management system करती है। जिसे खास इस विवाद निपटारे के लिए ही बनाया गया है।

NACH RTN क्या होता है | Nach Rtn Charge Kya Hota Hai

NACH RTN एक बरकर का चार्ज या लेट फीस है जो की आपसे तब लिया जाता है जब आपके बैंक मे उतना राशि नहीं हो कितना आपका हर महीने EMI कटता है। मान लीजिए आपका एक EMI हर महीने 5 तारिक को डेबिट होता है लेकिन इस बार आपके आकॉउन्ट मे उतना अमाउन्ट नहीं है तो इस केस मे आपके ऊपर Nach Hit लग जाता है और बैंक इन्श्योरेन्स कंपनी आपसे nach चार्ज ले लेती है जो की 250 से 300 रुपये के बीच होती है।

Nach Hit का अर्थ होता है लेट फीस। उमीद है की आपको Nach Return Charges Kya Hota Hai समझ मे आ गया होगा।

Nach RTN चार्ज क्या होता है | Nach RTN Charges Meaning in Hindi

अब हम बात करेंगे की Nach RTN चार्ज क्या होता है काफी लोगों की शिकायत यह आती है कि उनके बैंक अकाउंट से ₹295 डेबिट हो रहे हैं चलिए अब यह जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। जब भी आप किसी प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से लोन लेते हैं या कोई प्रोडक्ट ले रहे होते है जैसे कि आपने मोबाइल फोन किस्त पर खरीदा है या फिर आपने EMI पर बाइक खरीदी है तो दुकानदार आपसे ECS या NACH का फॉर्म भरवाता है।

Nach RTN Charges Meaning in Hindi

उसको भरने के बाद वह उसको बैंक में भेज देता है इसका सीधा सा मतलब यह होता है कि जब वह फॉर्म बैंक में जमा हो जाता है तो बैंक आपके बैंक अकाउंट से एक फिक्स डेट को आपका एक फिक्स EMI अमाउंट हर महीने डेबिट करना शुरू कर देगा।

लेकिन अगर उस डेट को आपके बैंक अकाउंट में उतना अमाउंट नहीं होता है जितना आपका EMI है तो आपके बैंक अकाउंट से ₹295 डेबिट होने का मैसेज आएगा लेकिन यहां तक तो ठीक है कभी-कभी आप EMI की किस्त आप दुकानदार को कैश में जमा कर देते हैं या दूसरे खाते से भेज देते हैं लेकिन उसके बावजूद भी आपके बैंक अकाउंट से ₹295 डेबिट हो जाते हैं।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने EMI की किस्त बैंक ECS या NACH में कन्वर्ट करवाया था और आपने उसको ECS के थ्रू जमा नहीं करते हैं आप उसको कैश में जमा कर देते हैं सबसे बड़ी गलती है आप यही करते हैं।

ECS और NACH बाउंस होने के कारण आपके अकाउंट से ₹295 डेबिट किए जाते हैं कई बार तो ऐसा भी देखने को मिलता है कि आपका EMI की सारी किस्त जमा हो चुकी हैं और आपका लोन भी चुकता हो चुका है उसके बावजूद ₹295 हर महीने डेबिट होते हैं यहां तक कि कभी-कभी महीने में 3 बार भी ECS हिट हो जाता है यानी कि आपके अकाउंट से लगभग 900 रूपये डेबिट हो जाते हैं।

अब हम आपको इसके समाधान के बारे में बताएंगे।

इसमें आपको करना यह है कि जब भी आपकी EMI की किस्त पूरी हो जाती है या आपका लोन चुकता हो जाता है तो उसके बाद आपको आपके फिनेंस वाले आदमी से मिलना होगा और उनसे यह बोलना है कि आप NACH और ECS कैंसिलेशन फॉर्म भरकर बैंक में जमा कर दें। यदि आपने लोन और EMI की किस्त जमा करने के बाद फाइनेंस से NOC ले लेते हैं तो उसको आप बैंक में भी जमा कर देते हैं तो बैंक आपको ऑटो डेबिट कैंसिल कर देगा।

अब थोड़ा हम दूसरा केस समझते हैं आपके बैंक अकाउंट में बैलेंस बिल्कुल नहीं है तो आपके बैंक अकाउंट में उतने रुपए का होल्ड लग जाता है यदि 3 महीने में 10 या उससे अधिक ECS और NACH हिट हुआ और खाते में बैलेंस नहीं है तो 295 *10 = 2950 यानी कि ₹2950 आपके अकाउंट में होल्ड लग जाएगा और आपका खाता उतने रुपए माइनस में चला जायेगा।

इन सब से पीछा छुड़ाने का तरीका यही है कि जब भी लोन पूरा हो रहा है तुरंत इस चीज़ पर ध्यान देते हुवे फिनांसर से संपर्क करे और कैंसिलेशन फॉर्म भरवा कर बैंक में जमा करवा दें या उनसे NOC ले ले और एक कॉपी बैंक अकाउंट में जमा कर दें इन दोनों में से आप कोई भी एक काम कर सकते हैं इस से भविष्य में लगने वाले चार्जेज रुक जाएंगे और आपके समस्या का निदान हो जाएगा उम्मीद है कि आपको समझ में आ गया होगा की Nach RTN Charges Meaning in Hindi क्या होता है।

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> Sum Assured का मतलब क्या होता है?
> एलआईसी करवाने के फायदे और नुकसान क्या क्या है।

NACH मैंडेट की समयावधि कितनी होती है?

NACH मे पेमेंट करने की समेवधि क्या होती है अब उसके बारे मे भी जानेगे। जब भी हम EMI पर कोई समान लेते है या किसी इन्श्योरेन्स कंपनी से कोई इन्श्योरेन्स लेते है और हम उसका NACH करवा देते है तो आपका भुगतान एक निश्चित तारिक को डेबिट कर लिया जाता है और यह तब तक डेबिट क्या जाता है जब तक की आप बैंक जाकर उसों कैन्सल नहीं करवा लेते है।

LIC NACH Mandate Form >> PDF Download करे

NACH फॉर्म कैसे भरे ?

NACH का फॉर्म भरने के लिए आप एलआईसी के अनलाइन पोर्टल की मदद ले सकते है, इसके बारे मे मैंने पूरा एक पोस्ट लिखा है आप उस पोस्ट को भी पढ़ सकते है। पोस्ट को पढ़ने के लिए Nach Mandate कैसे करे पर क्लिक करे।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि nach kya hota hai? उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आप NACH का मतलब समझ पाए होंगे। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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FAQ’s

1. नाच मैंडेट रजिस्ट्रेशन क्या होता है?

उत्तर – NACH मैंडेट रजिस्ट्रेशन का अर्थ है कि आप NACH के अंतर्गत अपना बैंक अकाउंट रजिस्टर करवाएं ताकि हर महीने आपके सभी बिलों का भुगतान ऑटोमेटेकली हो सके।

2. मेरे खाते में नाच क्रेडिट क्यों है?

उत्तर – NACH क्रेडिट NACH का ही एक प्रकार है। यदि आपने अपने बैंक अकाउंट से NACH मैन्डेट  करवाया होगा तो आपके खाते में NACH क्रेडिट होगा।

3. एन ए सी एच का मतलब क्या होता है?

उत्तर – एन ए सी एच का मतलब ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस है जिसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक लेन देन या भुगतान ऑटोमेटिक ली ही संभव हो पाता है।

4. NACH full form in Bank of India

Nach का फुल फॉर्म सारे बैंक के लिए एक ही होता है National Automated Clearing House

5. NACH कितने प्रकार के होते है ?

Nach दो प्रकार के होते है Credit Nach और Debit Nach

6. Nach का मतलब क्या है?

NACH का फुल फॉर्म National Automated Clearing House, और इसका मतब ये होता है की आप अपने किसी की प्रकार का ईएमआई या बिल एक निश्चित समय पर ऑटो डेबिट के माध्यम से जमा कर सकते है।

7. क्रेडिट कार्ड में नाच क्या है

क्रेडिट कार्ड मे nach का मतलब यही होता है की आप अपनी कोई insurance या बिल एक तय की गई तारीख को auto debit करवाते है।

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